Hasya Kavita
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हास्य कविताओं की इस श्रृंखला में इस बार हाजिर है सुरेंद्र शर्मा की एक और बेहतरीन कविता. पति पत्नी एक-दूसरे के सबसे बड़े साथी होते हैं. उनके बीच नोक-झोंक की प्यार भरी झड़पी होनी जायज होती है. इसी तरह की एक लड़ाई को सुरेंद्र शर्मा ने अपने ढ़ंग से दिखाया है.
मैनें अपनी पत्नी से कहा, ” संत महात्मा कह गये हैं……
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु और नारी ये सब ताड़न के अधिकारी.
इन सभी को पीटना चाहिये!! “
इसका अर्थ समझती हो या समझायें?
पत्नी बोली
“हे स्वामी इसका मतलब तो बिलकुल साफ है
इसमें एक जगह मैं हूँ और चार जगह आप हैं.
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