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पत्नी की बांहों में – हास्य कविता (Hasya Kavita in Hindi)

Hasya Kavita
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आज के दौर में समाज में लिव-इन और शादी के बाद भी अफेयर के किस्से आम हो गए हैं. ऐसे में कई लोग भूल गए हैं कि पत्नी का जादू ही अलग होता है. पत्नी ही इंसान की असली छाया होती है. तो चलिए पत्नी के इसी नाम करते हैं आज की कविता.


आज करवा चौथ के मौके पर यह कविता पतियों के लिए एक सलाह और पत्नियों के लिए एक भेंट हैं.


पत्नी की बांहों में

मैं अपनी पत्नी की बाँहों में आकर
खूब सुकून पाता हूँ
सारे दुःख गम टेंशन परेशानियां
पल में भूल जाता हूँ!

गोरी-गोरी उन बाँहों में
दिखती है मुझको जन्नत
हर जनम में मेरी ही रहना
मांगू रब से यही मन्नत!


उसकी बाँहों की जकड़न
हर दर्द निचोड़ देती है
थक रही सी जिन्दगी को
इक नया मोड़ दे देती है!


खुदा की बाहों में भी शायद
यकीनन न होगी वो बरकत
पत्नी की बाहें ही पति को
दे सकती हैं वो हरकत….


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