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भारत में जिस तरह से दिन प्रतिदिन घपले और घोटाले बढ़ते जा रहे हैं उसे देखते हुए “घोटाला पुराण” तो लिखा ही जा चुका है और अब बारी है झांकी की. एक महान हास्य कवि ने “घपलिस्तान की झांकी” का बहुत मजेदार वर्णन किया है.
झांकी घपलिस्तान की
आओ बच्चों तुम्हें दिखाए झाकी घपलिस्तान की,
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की,
बंदों में है दम, राडिया-विनायकयम,
बंदों में है दम, राडिया-विनायकम्,
उत्तर में घोटाले करती मायावती महान है,
दक्षिण में राजा-कनिमोझी करुणा की संतान है,
ये है अपना जयचंदाना, नाज़ इसे गद्दारीपे,
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है हैवान की,
सत्ता की ताकत को चांदी के जूतों से तोला था,
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है शैतान की,
जिसको देखो वही सोनिया भजनावली सुनते हैं ,
इस मिटटी पर सर पटको ये मिटटी है शैतान की !!
इस मिटटी पर सर पटको ये धरती है शैतान की !!
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