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मेरे पास बस प्यार है : हास्य कविता (आशिकों के लिए एक सबक)

Hasya Kavita
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love_or_money_xlargeआजकल अशिकों को देखकर लगता है ना कि उनके पास कोई काम धंधा नहीं है. वैसे आजकल के नौजवानों को जब भी आशिकी का भूत  लगता है तो वह जोगी हो जाते हैं पर कुछ ही दिनों बाद उन्हें ऐसी लात पड़ती है जिससे उन्हें आटे चावल के दाम पता चल जाते हैं.


वैसे सच है कि जिंदगी प्यार के बुते नहीं काटी जा सकती पर अशिकों की आंखो पर तो आशिकी का ऐसा पट्टा बंधा होता है जिसके पार वह कुछ भी नहीं देख पाते. ऐसे आशिकों के लिए ही एक सलाह रूपी हास्य कविता लेकर हाजिर हैं हम इस बार. यह हास्य कविता इंटरनेट से ली गई है.


आशिकों के लिए एक सबक है यह कविता साथ ही जो समझ जाएगा उसका तो भला होना तय है जनाब. तो देर किस बात की चलिए पढ़ते हैं हास्य कविता “मेरे पास तो बस प्यार है.”


प्रेमी अपनी प्रेमिका का हाथ

माँगने  उसकी  माँ के पास पहुँचा

तब वह गुस्से में बोली

‘तुम्हारे पास क्या है

गाड़ी, बंगला  या बैंक बेलेंस

प्रेमी फिल्मी स्टाइल  में बोला

‘मेरे पास बस प्यार है’


प्रेमिका की माँ भड़क गयी गयी

और चिल्लाकर बोली

‘उसका क्या मेरी बेटी अचार डालेगी

यह कमाकर  तुम्हें पालेगी

यह हर महीने नया सूट खरीद कर लाती है

तुम्हें जिस मोबाइल से करती है फोन

उसमे सिम बाप के पैसे से डलवाती है

तुम इसके खर्च उठा सकोगे

क्या है तुम्हारे पास

प्रेमी बोला

‘मेरे पास बस प्यार है’


प्रेमिका अपनी माँ से नाराज होकर बोली

‘मम्मी तुम मेरी इसके साथ

शादी कराने पर राजी हो जाओ

नहीं तो में अपनी जान दे दूँगी या

इसके  साथ भाग जाऊंगी


माँ खुश होकर बोली

‘बेटी इसमें पूछना क्या

कल को भागती है

आज ही भाग जा

बाकी मैं संभाल लूँगी’


वह अपने कमरे से

अपना सामान उठाकर ले आई

और प्रेमी से बोली

‘चलो अब यहाँ से निकलते हैं

कहीं और बसते हैं’

‘ठीक है कुछ पैसे भी रख लेना

तुम्हारे प्यार में पिताजी के दिये

सब पैसे तुम  पर खर्च का दिया

अब जो बचा

मेरे पास बस प्यार है’


पहले तो प्रेमिका हतप्रभ  रह गयी

और फिर सोचते हुए बोली

‘इससे काम नहीं चलेगा

यह घर छोड़ा तो यहाँ भी फिर

यहाँ भी  नो एन्ट्री का बोर्ड लगेगा

कुछ तो होगा तुम्हारे  पास

प्रेमी बोला

‘मेरे पास बस प्यार है’


प्रेमिका को  गुस्सा  आ गया और बोली

‘तुम अब अकेले चले जाओ

इस तरह नहीं चल सकती जिन्दगी की गाड़ी

प्यार तो है चार दिन का

फिर तो चाहिये मुझे गहने और साड़ी

फिर भी प्रेमी नहीं मान रहा था

आखिर माँ-बेटी ने धकेल कर

उसे  घर से बाहर निकाला


वह बस एक ही रट लगाये जा  रहा था

‘मेरे पास बस प्यार है’

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