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आजकल देश में आए दिन बाबाओं की काली कमाई का स्कोर देखकर लगता है कि काश हमने भी पढाई-वढाई की जगह कोई ज्योतिषी सेटर ज्वॉइन कर लिया होता तो शानदार रहता, खैर अब क्या करें हम तो जनाब ठहरे मूर्ख. खैर हम तो हम है एक हैं हमारे हंसमुख जी जो यूं तो अपने आपको मार्डन दुनिया का असली और ट्रेडमार्क चेहरा मानते हैं लेकिन वह भी ज्योतिष के चक्कर में पडकर अपना कुछ समय बर्बाद कर बैठे और समय तो बर्बाद हुआ ही उन्होंने उस ज्योतिष को भी बर्बाद कर दिया. अब उन्होंने यह कैसे किया यह जानने के लिए यह हास्यकविता पढ़े और हंसे.]
हास्यकविता हंसमुख जी की.
हँसमुखजी
ज्योतिष के बारे में
कुछ नहीं जानते थे
पहली बार
ज्योतिषी के पास
जन्म पत्री दिखाने गए
जन्मपत्री देखते ही
ज्योतिषी बोला
आपकी मंगल बहुत भारी है
कन्या के घर में नीच का
बुद्ध बैठा है
चंद्रमा आठवे घर में
सूर्य के साथ है
शनी उच्च का
सातवे घर में अच्छा है
हँसमुखजी बौखलाए
अपने को रोक नहीं सके
फ़ौरन बोले सब बकवास है
मंगल मेरा बेटा है
खिला खिला कर
परेशान हो गए
वज़न बढ़ने का
नाम ही नहीं लेता
भारी कैसे हो गया
कन्या के पती का नाम
श्याम है
नीच बुद्ध राम वहाँ क्या
कर रहा है
मुझे बेवकूफ समझते हो
आठवे घर में शर्माजी
रहते हैं
सूर्य ,चंद्रमा आकाश में
रहते हैं
सूर्य दिन को निकलता है
चंद्रमा रात को
पड़ोसी का नाम शनिशचर है
एक नंबर का पाजी है
वो उच्च का कैसे हो गया
तुम खाली पीली नाटक
कर रहे हो
निरंतर बेवकूफ बना रहे हो
कहते कहते
ज्योतिषी पर टूट पड़े
मैं रोकता जब तक
पीट पीट कर
उसका वर्तमान और भविष्य
दोनों खराब कर दिए
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