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हास्यकविता : आधुनिक पत्नी के दर्शन [Hasyakavita in Hindi]
हास्यकविता
आज के युग में पति और पत्नी दोनों बराबर है. खैर बराबर तक तो सही है लेकिन जब पत्नी पति पर अधिकार जमाने लगे तो क्या होता है. अब हमारे पांडेय जी को ही ले लो. वह बेचारे अपने पत्नी के मारे हैं. सुबह उठकर दुध लाना, नाश्ता बनाना फिर ऑफिस जाना. ऑफिस से आते हुए सब्जी लाना, रात का खाना बनान, बर्तन धोना सारे काम पांडेय जी के ही हाथ में हैं. अब बेचारे का क्या हाल होता है यह किसी से छुपा नहीं है.
अब इस बारें में उनकी पत्नी जी की राय है कि यह तो उनका आधुनिक पति प्रेम है इसे व्वह पत्नी धर्म समझती है. अब इस बारें में मुझे नेट से एक अच्छी हास्यकवितामिली उम्मीद है आपको पसंद आएगी.
आधुनिक पत्नी के दर्शन
हँसमुखजी पत्नी व्रत थे
पत्नी के हिस्से के
सारे काम करते थे
कपडे से
बर्तन तक धोते थे
पत्नी भी
पूर्ण पतीव्रता थी
पत्नी धर्म
श्रद्धा से निभाती थी
रात
कितनी भी हो जाए
ठण्ड
कितनी भी बढ़ जाए
बर्तन धोने के लिए
निरंतर गरम पानी
तैयार रखती थी
जब तक
पूरे ना धुल जाएँ
ना खुद सोती ना
उन्हें सोने देती
रजाई में घुस कर
होंसला बढाती
थक जाओ तो दो कप
चाय बना लेना
पहले मुझे पिला देना
फिर खुद पी लेना
नहीं थको तो आकर
मेरे पैर दबा देना
कह कर पत्नी धर्म
निभाती थी
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