Hasya Kavita
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कल स्वतंत्रता दिवस है इस मौके पर मैं कुछ लिखता इससे पहले मुझे हैदराबाद का किस्सा सुनने को मिल गया जहां कुछ मुसलमान ने भारत में पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाया. खैर छोडिये अबा ध्यान देते है इस बेहतरीन हास्यकविता पर
HASYAKAVITA IN HINDI
यह कैसी आजादी
घर से निकलो
दिल डरता है?
यह कैसी आजादी
जिसमें गली गली
बम फँट पडता है?
कैसी यह आजादी
जिसमें, हम बच्चे भी नहीं सुरक्षित
कैसी यह आजादी
पापा जो मुझे विरासत में दोगे?
तुम गाँधी सुभाष जो कहते हो
वह दौर सुनहरा बीत गया
यह देश निठारी देख रहा
यह देश दिशा से हीन हुआ
तुम मेरी उंगली अब थामों
तुम मुझे दिशा तो दो पापा
क्यों भगत पडोसी के घर हो?
तुम आसमान तो दो पापा
तो हम फिर तेरा गर्व बनें.
फिर आजादी का पर्व मने..
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