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मच्छर की महिमा – हास्यकविता (Hindi Hasyakavita)

Hasya Kavita
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मच्छर जी की आरती: अवश्य पढ़े (Hindi Hasyakavita)

कल दिन में यह खबर मिली कि कसाब को डेंगू हो गया है उसी वक्त से मेरे दिल में मच्छरों के लिए जो प्रेम उमड़ रहा है उसे मैं जाहिर नहीं कर सकता. कहते हैं जब हम बहुत ज्यादा प्रसन्न होते हैं तो भगवान की आरती पढ़नी चाहिए. आज मैं बहुत खुश हूं तो सोच रहा हूंकि क्यूं ना मच्छरों की आरती गाए. अरे जनाब इन्हीं की वजह से तो हमारे देश के राष्ट्रीय दामाद कसाब जी कुछ दिनों के लिए ही सही मरने के कगार पर हैं. काश ही मच्छर जी की मेहनत सफल हो और कसाब को इस पापी दुनिया से मुक्ती मिले.


मच्छर जी की आरती: Hasya Kavita


आ गई गर्मी, पाधारो मच्छर जी।
हो पधारो मच्छर जी, आरती उतारो जी।।


तुम राजमहल में, तुम ही भिखारी के घर में।

धरती पे तेरा राज है, हौसला है अम्बर में।।

संसार तुम्हारा एक है, हो हमारे मच्छर जी।


तुम दुनियाँ में भी दो दिन, हमारे साथ तो गुजारो मच्छर जी।।

क्या तुमको भेंट चढ़ाये, पसीना तन है, घर सुना है।


पी लो खून के दो आँसु, समझ लेना पानी का नमूना है।।

तुम हर नयन में हो, मन ही मन में डर तेरा।

तुम ही रक्तचूसक हो, कंठ-कंठ में जाप तेरा।।


आ गई गर्मी पाधारो मच्छर जी।

हो पधारो मच्छर जी, आरती उतारो जी।।


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