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Hindi Hasyakavita
कल एक न्यूज देखी कि किस तरह एक नेता ने जेल में होते हुए भी अपने चहेते इंसान को आगे बढ़ा दिया और उसे उसके ही जिला के उच्च स्तर पर कार्यरत करवा दिया. यूं तो हमारी भी कई नेताओं के जानपहचान है लेकिन अच्छी जानपहचान किसी से नहीं है. अब तो सोच रहा हूं कि मैं भी किसी नेता का खास बन जाऊं.
चलिए आज कि हास्यकविता कुछ ऐसे ही नेताप्रेमियों को समर्पित करता हूं:
Hindi Hasya Kavita: हिन्दी हास्य कविता
बेरोजगारी का भय नहीं सताएगा
नेताजी का गुण गाता जा प्यारे
वे भवसागर पार लगायेंगे
तुम्हें नोटों की गड्डी पर सुलायेंगे
तेरे दुःख दूर करने को घोटाला रचाएंगे
तिहाड़ में दिन बिताएंगे
पैसा पानी की तरह बहायेंगे
तेरी किस्मत चमकायेंगे
चुनाव जीतने पर क्षेत्र में झाँकने नहीं आएँगे
पर चमचों पर रहमत लुटाएँगे
तेरे माध्यम से वे शासन को चलाएंगे
उनकी चुनावी नैया पार लगाने को
तू दर- दर भटका जा प्यारे
यहीं वह वक्त है
तू बन जा नेताजी के आँखों का तारे
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