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दीपावली स्पेशल हास्य कविता : सास, बहु और उनकी दीवाली

Hasya Kavita
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कल दीपावली है और इस अवसर पर मैं लेकर आया हूं कुछ मजेदार हास्यकविताएं जिनमें से पहली का मजा आप लीजिएं. कवि है भरतदीप जी. हास्य कविता आजकल की सासों पर आधारित है. जिन्हे अपनी बहुएं में हमेशा कमी नजर आती है.



सास ने बहू से कहा
शादी के बाद यह तेरी पहली दीपावली है
तेरे मायके सेमिठाई आयेगी
बोल देना बाप से असली घी की
मिठाई भेजे वरना
नहीं मिलेंगे जलाने कोपटाखे
मेरे तानों में तुम्हें बमजैसी आवाज पायेगी


बहू ने कहा
आप इंतजार मत करो
ताने देने का पहले ही अभ्यास कर लो
मिठाई तो आयेगी
पर असली की कि होगी नकलीकी
इसकी गारंटी कहां मिल सकती है
घी असली हुआ तो खोआ नकली हो सकता है


दोनों ही असली हुए तो भी
आपको उनकी कीमत कम नजर आयेगी
वह ठीक लगी तो रंग में कमी नजर आयेगी
सब ठीक हुआ तो भी
आप सास हैं इस मिलावटी युग में
एक क्या ढेर सारी कमी नजर आयेगी


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