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नेता का बेटा: Hindi Hasya Kavita

Hasya Kavita
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HINDI HASYA KAVITA: हिन्दी हास्य कविता

आजकल नेताओं का स्थान भारत में बिलकुल गवारों के समान हो गया है. नेताओं के स्थान पर लोग गालियां या भ्रष्ट और चोर जैसे शब्द का इस्तेमाल करना बेहतर समझते हैं. अब यह सब ऐसे ही नहीं होता बल्कि इसके पीछे एक अच्छी वजह भी है. सभी जानते हैं कि आजकल के नेता कितने भ्रष्ट होते है और वह सिर्फ चोरी के अलावा और कुछ नहीं कर सकते.


Campaign-Slogansअब एक हास्य कवि ने अपनी हास्य कविता में नेताओं के इसी गुण के बारे में थोड़े विस्तार से समझाया है. पढिएं और मजा लीजिएं एक बेहतरीन हिन्दी हास्य कविता.



होली के दिन जनमा
एक नेता का बेटा,
मुसीबत बन गया
चैन से नहीं लेटा ?



पैदा होते ही
कमाल कर गया,
उठा, बैठा और
नेता की कुर्सी पर चढ़ गया !


यह देख डॉक्टर घबराई,
बोली – ये तो अजूबा है !
इसके सामने तो
साइंस भी झूठा है !!
इसे पकड़ो और लिटाओ
दुधमुंहा शिशु है, माँ का दूध पिलाओ ।


दूध की बात सुनकर
शिशु ने फुर्ती दिखाई,
पास खड़ी नर्स की
पकड़ी कलाई
बोला – आज तो होली है,
ये कब काम आएगी,
काजू-बादाम की भंग
अपने हाथों से पिलाएगी ।

नेता और डॉक्टर के
समझाने पर भी वह नहीं माना,
चींख-चींखकर अस्पताल सिर पर उठाया,
और गाने लगा ‘शीला’ का गाना !



उसके बचपने में
‘शीला की ज़वानी’ छा गई,
‘मुन्नी बदनाम न हो
इसलिए नर्स भांग की रिश्वत लेकर आ गई !


शिशु को भांग पीता देख
नेताजी घबराये और बोले –
‘तुम कौन हो और
क्यों कर रहे हो अत्याचार ?’
शिशु बोला – तुम्हारी ही औलाद हूँ
और नाम है भ्रष्टाचार



कवि : श्री राकेश “सोहम”


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