Menu
blogid : 4683 postid : 520

कुंवारी रह जाओ : एक गंभीर हास्य कविता

Hasya Kavita
Hasya Kavita
  • 272 Posts
  • 172 Comments

Hindi Hasya Kavita

यूं तो मैंने यह ब्लॉग हास्यकविता के लिए ही बनाया था लेकिन आज एक ऐसी गंभीर कविता पढ़ने को मिली जिसे मैं बिना डाले रह ना सका. महिलाओं के लिए बेहद गंभीर और शिक्षाप्रद यह कविता आप सभी को अवश्य पसंद आएगी. हास्य कविता से सीधे गंभीर कविता का सफर बेशक आपको अच्छा ना लेगे लेकिन आपको सोचने पर जरूर विवाश करेगा.



शादी में बेटे की कीमत मांगते भारी,
यह पिता नहीं हैं, ये हैं व्यापारी !
ऐसे मंगतो के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !

औरत की कोख से ही पैदा हुए हैं आप,

फिर भी भ्रूण हत्या का करते जघन्य अपराध,
ऐसे अपराधियों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !

संसद में बैठ नंगा विडियो चलाते,
घोटालों के सिर पर अपनी तोंद बढाते,
ऐसे बदमाशों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !


बलात्कारी हैं निर्लज्जता की हद ये तोडें,
बस चले इनका तो माँ-बहन को न छोडें,
ऐसे बलात्कारियों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !


नशे में डूब करते जिन्दगी बरबाद,
न अपनो की शर्म न दूजों का लिहाज्,
ऐसे नशेडियों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !



संत महात्मा बने फिरते, बडा तिलक लगाते,
गला उनका ही काटें जिन्हें गले लगाते,
ऐसे पापियों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !


आप इन्हे भी जरूर पढे:

HINDI HASYA KAVITA

KAKA HATHRASHI KI HASYA KAVITA
ASHOK CHAKDHAR KI HASYA KAVITA


Hindi hasya kavita, hasya kavita, hasyakavi, funny poem, funny hindi poem, funny poems in hindi, HASYA, हिन्दी हास्य कविता, हास्य कविता, हिन्दी हास्य कवि, अशोक चक्रधर,FUNNY POEM FOR KIDS IN HINDI

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh