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Hindi Hasyakavita – दिमाग की दही

Hasya Kavita
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हिन्दी हास्य कविता के क्षेत्र में नए कवियों का भी योगदान बेहद महत्वपूर्ण है ऐसे ही एक कवि हैं मजाल जी. आइए उनकी एक हास्य कविता पर निगाहें डालें


HINDI HASYAKAVITA: हिन्दी हास्य कविता

दो घंटे खड़ा कराने के बाद कहतीं हैं,
‘दुकान में आप हड़बड़ी कर देतें है!’


‘चलो फ़ोन रखती हूँ’ कहने का मतलब,
आधा घंटा और मसखरी कर लेतें है!


जिस दिन है होती उनसे बहस,
शरबत को वो कढ़ी कर देतें है!


फुर्सत गज़ब, तरकीबें अजब,
फिर से कपडे घड़ी कर लेतें है !

ख़ुशी की बची न कोई गुंजाईश,
सारे ग्रहों को वो शनि कर देतें हैं!


उलझ के उनसे कौन शामत बुलाए,
वो जैसा कहें, हम वहीँ कर देतें है!


बस देतें है धमकी जाने की माइके,
हसरत कहाँ हमारी पूरी कर देतें है!


यूँ करते है दूध में किफ़ायत वो ‘मजाल’,
सीधे दिमाग का ही वो दही कर देते हैं!

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